Saturday, 24 May 2014

राजनगर मार्बल

राजसमंद एशिया की सबसे बडी मार्बल मन्डी के नाम से भी विख्यात है । यहां छोटी बडी 3000 मार्बल की खाने हैं जहां खनन होता है और देश विदेशों में निर्यात किया जाता है । मार्बल के अलावा यहां क्वार्टज और फेल्डसफार की भी काफी माईन्स हैं । यहीं पर राजसमंद में ही R.K.मार्बल्स भी है जो की अपने सर्वाधिक उत्पादन के लिये गिनिज बुक में अपना नाम दर्ज करवा चुका है । यहां के कच्चे माल से ही किशनगढ़, चित्तोडगढ़ व मकराणा में मार्बल व्यवसाय होता है ।

नेशनल हाईवे 8 जो की ‌राजसमंद से होकर के जाता है, ईस सडक के दोनो ओर सेंकडो की संखया में मार्बल गोदाम हैं। यहां राजसमंद में करीब 250 गेंगसा फेक्ट्रियां भी है व अन्य छोटे मोटे कई सारे कटर हैं जहां मार्बल काटा जाता है । यह एक बहूत ही बडी मार्बल मन्डी हे और ईसके कारण आस पास के हजारों लोगों को रोजगार मिला हे । मार्बल के कारण ही यहां पर ट्रार्न्सपोर्ट, हेवी अर्थ मुवर उपकरण, मशीनरी उपकरण, वाहन, फाईनेन्स एवं ए॓से अन्य कई व्यापार संबधी लोगों को भी रोजगार मिला है।

मार्बल के व्यापार हेतू यहां कई सारे लोग दूर दूर से आकर यहां बस गये है । ईस प्रकार से यहां कई बडे ग्रुप हैं जो खनन व ईससे संबधित कार्यों में लगे हुए हैं । यहां ‌राजसमंद में कई सारे गांव या कह सकते हें कि माइनिंग एरिया हैं जो अपनी अलग पहचान और विषेशता के कारण विश्वप्रसिद्ध हैं जैसे की उमठी, निजरना, मोरवड, झांझर, उमराया, सापोल धोली खान और तलाई आदि । ‌राजसमंद को काफी लोग ‌राजनगर मन्डी के नाम से भी जानते हें ।

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